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डोनाल्ड ट्रंप भाषण देते हुए, संयुक्त राष्ट्र में ट्रिपल सबोटाज का दावा |
ट्रंप का दावा: "तीन खतरनाक घटनाओं का शिकार हुआ, पर चमत्कार से बचा"
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN) से जुड़े अपने एक अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वे और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप "ट्रिपल सबोटाज" यानी तीन खतरनाक घटनाओं का सामना कर चुके हैं। ट्रंप ने इसे "साजिश जैसी कोशिश" बताया और दावा किया कि ईश्वर की कृपा से वे किसी बड़ी दुर्घटना से बच निकले।
ट्रंप की बातों में क्या खास था?
ट्रंप ने एक जनसभा में भाषण देते हुए कहा कि UN में मौजूदगी के दौरान उन्हें और मेलानिया को तीन ऐसी घटनाओं से गुजरना पड़ा जो जानलेवा साबित हो सकती थीं। उनका कहना था कि ये घटनाएँ सामान्य नहीं थीं, बल्कि इसके पीछे किसी "साजिश" या "खतरनाक तैयारी" का हाथ हो सकता है।
उन्होंने कहा – “हम यह सोचकर भी हैरान हैं कि हम दोनों सुरक्षित कैसे बच निकले। अगर जरा भी चूक होती तो आज हालात बहुत अलग हो सकते थे।”
पहली घटना: अचानक हुई तकनीकी गड़बड़ी
ट्रंप ने पहली घटना का जिक्र करते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उनके भाषण से ठीक पहले साउंड और लाइटिंग सिस्टम में गंभीर तकनीकी गड़बड़ी हुई। इससे मंच पर अचानक अंधेरा छा गया और कुछ समय के लिए संचार पूरी तरह ठप पड़ गया। उनका कहना है कि यह सामान्य तकनीकी खराबी नहीं लग रही थी, बल्कि किसी ने जानबूझकर इसे अंजाम दिया।
दूसरी घटना: सुरक्षा घेरा भेदने की कोशिश
दूसरी घटना और भी चौंकाने वाली थी। ट्रंप का दावा है कि उस दौरान किसी अनजान व्यक्ति ने सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की। सुरक्षा बलों ने तुरंत उस व्यक्ति को पकड़ लिया, लेकिन यह घटना खुद इस बात का संकेत थी कि किसी न किसी स्तर पर सुरक्षा में सेंध लगाने की योजना बनाई गई थी।
लोगों की प्रतिक्रिया
ट्रंप के इन दावों ने अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। उनके समर्थकों का मानना है कि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से ऐसी घटनाएँ कराई जा सकती हैं, ताकि उनकी लोकप्रियता को नुकसान पहुँचाया जा सके। वहीं, आलोचकों का कहना है कि ट्रंप अक्सर अतिशयोक्तिपूर्ण बयान देते हैं और यह भी उसी का हिस्सा हो सकता है।
कई सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि अगर ट्रंप का दावा सच है तो यह बेहद गंभीर मामला है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस तरह की घटनाएँ होना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
ट्रंप का राजनीतिक संदेश
ट्रंप के इस बयान को केवल सुरक्षा घटनाओं तक सीमित नहीं माना जा रहा, बल्कि राजनीतिक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है। वे इस समय चुनावी मोड में हैं और लगातार अपने भाषणों में खुद को "लड़ाकू नेता" और "जनता का रक्षक" साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस दावे के जरिए ट्रंप ने न सिर्फ खुद को "टारगेट" दिखाने की कोशिश की है, बल्कि अपने समर्थकों के बीच यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे आज भी सत्ता के लिए खतरा बने हुए हैं।
ट्रंप और विवाद
यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने किसी बड़ी घटना या साजिश की ओर इशारा किया हो। अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान और उसके बाद भी वे कई बार ऐसे बयान देते रहे हैं जो चर्चा का विषय बनते हैं। ट्रंप की खासियत यह रही है कि उनके बयान अक्सर लोगों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं, चाहे लोग उनसे सहमत हों या नहीं।
क्या यह सच था या राजनीति?
अब बड़ा सवाल यह है कि ट्रंप का यह "ट्रिपल सबोटाज" वाला दावा कितना सच है?
1. अगर यह दावा पूरी तरह सच है, तो संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को गंभीरता से इसकी जांच करनी होगी।
2. अगर यह दावा सिर्फ राजनीतिक रणनीति है, तो इसका मकसद ट्रंप की छवि को "सर्वाइवर" और "योद्धा" के रूप में प्रस्तुत करना हो सकता है।
कई विश्लेषकों का मानना है कि सच्चाई चाहे जो भी हो, इस बयान ने एक बार फिर ट्रंप को सुर्खियों में ला दिया है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा कि उन्होंने और मेलानिया ने संयुक्त राष्ट्र में "तीन खतरनाक घटनाओं" का सामना किया, राजनीति और मीडिया में नए सवाल खड़े कर रहा है। क्या यह वास्तव में किसी षड्यंत्र का हिस्सा था या फिर एक राजनीतिक चाल? इसका जवाब शायद जांच और समय ही दे पाएंगे।
लेकिन इतना तय है कि ट्रंप ने इस बयान के जरिए एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनिया की राजनीति के लिए हमेशा चर्चा के केंद्र बने रहते हैं।
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