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भारतीय सेना द्वारा Cold Start ड्रोन अभ्यास 2025 में ड्रोन लॉन्च करते हुए दृश्य |
भारत की एयर-डिफेंस तैयारी: ‘Cold Start’ ड्रोन अभ्यास से जो उम्मीदें हैं
नई दिल्ली, 24 सितंबर 2025 — भारत जल्द ही अपनी सबसे बड़ी ड्रोन और काउंटर-ड्रोन एक्सरसाइज, नाम ‘Cold Start’, आयोजित करने जा रहा है। यह अभ्यास अक्टूबर की शुरुआत में होने की संभावना है, जिसका मकसद देश की एयर-डिफेंस क्षमताओं को और मज़बूत करना है। इस अभ्यास के माध्यम से हाल की सीमा संघर्षों और ड्रोन हमलों के मद्देनज़र सुरक्षा तंत्र को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।
ड्रोन और सुरक्षा का परिदृश्य
पिछले कुछ समय से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण ड्रोन (Unmanned Aerial Systems, UAS) का इस्तेमाल बढ़ा है। ऐसा माना जा रहा है कि ‘Cold Start’ नामक यह अभ्यास केवल हमलों से बचाव की रणनीति पर केंद्रित नहीं होगा, बल्कि ड्रोन द्वाराजाए हमलों की पहचान, नियंत्रण, और उन्हें निष्क्रिय करने की तकनीकों की जांच भी करेगा।
इस अभ्यास में नागरिक उड्डयन अधिकारी, रक्षा वैज्ञानिक, सुरक्षा एजेंसियाँ और उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ भी भाग लेंगे। ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकी (counter-drone tech), रडार सिस्टम, इंटेलिजेंस नेटवर्क और समग्र संचार तंत्र की भूमिका इस कार्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण होगी।
उद्देश्यों की सूची
‘Cold Start’ अभ्यास से जिन मुख्य लक्ष्यों को पूरा करने की उम्मीद है, उनमें शामिल हैं:
1. हवा-से सुरक्षा बढ़ाना
ड्रोन हमलों के समय तेजी से योजना बनाना, जवाब देना और उसे रोकना। नागरिक आबादी और संवेदनशील ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
2. स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा
भारत अब ‘Sudarshan Chakra’ नाम से एक तरह का एयर-डिफेंस सिस्टम विकसित कर रहा है, जिसमें ड्रोन ट्रैकिंग, UAS डिटेक्शन, और हाइपरसोनिक काउंटरमेजर्स शामिल होंगे। इसे 2035 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
3. रणनीतिक तैयारी और तंत्र में सुधार
सीमाओं के पास बैठने वाले पोस्टों, निगरानी ड्रोन, और पलों-पलों की सूचना तंत्र को और सुदृढ़ करना। सेना, वायुसेना और अन्य सुरक्षा बलों के बीच तालमेल बढ़ाना।
4. औद्योगिक और रक्षा उद्योगों के लिए अवसर
इस तरह की गतिविधियों से भारतीय रक्षा उद्योग को तकनीकी उत्पादन और अनुसंधान में बढ़ावा मिलेगा। नई कंपनियाँ, स्टार्टअप्स ड्रोन-सेंसर और संबंधित उपकरण बनाने में अवसर देख रही हैं।
चुनौतियाँ और संभावित जोखिम
इस प्रकार का बड़ा अभ्यास कुछ जोखिमों और चुनौतियों के साथ भी आता है:
1. तकनीकी जटिलताएँ
ड्रोन ट्रैकिंग, रडार हस्तक्षेप और कम समय में जवाब देना आसान नहीं है। हो सकता है कि परीक्षण के दौरान कुछ कमियाँ सामने आएँ।
2. अंतरराष्ट्रीय दबाव
सीमा संघर्षों के बाद पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें भारत-पाकिस्तान गतिरोध पर लगी हुई हैं। इस तरह के अभ्यासों से विवादित मुद्दे उभर सकते हैं।
3. संसाधन और खर्च
‘र्याप्त वित्तीय और तकनीकी संसाधन चाहिए होंगे। प्रशिक्षण, उपकरण, रखरखाव और संचालन की लागत को ध्यान में रखना होगा।
4. नागरिक चिंता और गोपनीयता
ड्रोन निगरानी के दौरान नागरिकों की गोपनीयता की समस्याएँ उठ सकती हैं। कानून और नियमों को सुनिश्चित करना होगा कि अभ्यास के दौरान निजी-जीवन का उल्लंघन न हो।
देश और सरकार की दृष्टिकोण
सरकार इस अभ्यास को सुरक्षा जरूरतों की पूर्ति और क्षेत्र में बदलती चुनौतियों के जवाब में देख रही है। विदेश नीति और रक्षा रणनीति विशेषज्ञ भी मानते हैं कि यह कदम सीमाओं पर भारत की सुरक्षा प्रबंधन को नया मोड़ देगा। इस कार्यक्रम से भारत अपनी घरेलू रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाएगा।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ‘Cold Start’ जैसे अभ्यासों से जवानों को बेहतर तैयारी मिलेगी, रणनीतिक दृष्टिकोणों को परखा जाएगा, और ड्रोन-आधारित आधुनिक युद्ध के स्वरूप के लिए देश तैयार होगा।
संभावित प्रभाव
1. निवारक हमला: यदि विरोधी देश ड्रोन हमलों की संभावनाओं को देखते हैं, तो वे इस अभ्यास को देखकर हतोत्साहित हो सकते हैं।
2. निर्यात और प्रौद्योगिकी विकास: भारतीय उद्योगों को ड्रोन-सेन्सर, निगरानी उपकरण, और स्वदेशी UAS नियंत्रण प्रणाली बनाने में अवसर मिलेगा, जिससे कारोबार और रोजगार बढ़ेंगे।
3. सुरक्षा सुधार: सीमाओं पर निगरानी बेहतर होगी, पुलिस और गश्त दलों की प्रतिक्रियाएँ तेज होंगी।
निष्कर्ष
‘Cold Start’ अभ्यास भारत की सुरक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सिर्फ एक ड्रोन-अभ्यास नहीं, बल्कि आज की बदलती चुनौतियों के प्रति उत्तर है — तेज हमले, तकनीकी खतरों और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्यों को देखते हुए।
जब देश की सीमाएँ सुरक्षित हों, तकनीकी क्षमताएँ मजबूत हों, और जवान तैयार हों, तब ही देश की रक्षा सशक्त होती है। इस अभ्यास के सफल होने से भारत न सिर्फ बाहरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार होगा बल्कि आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन और नवाचार के क्षेत्र में भी नई ऊँचाइयों को छु सकेगा।
सभी भाइयों से हमारा निवेदनह है अपनी भारतीय आर्मी के लिए कमेंट बॉक्समें भारत माता की जय लिखों 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳❤️❤️❤️
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