बिहार चुनाव 2025 की तारीख आ गई! जानिए इस बार क्या खास रहेगा इलेक्शन में। The dates for the 2025 Bihar elections are here! Find out what will be special this time. In Hindi



बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख और चरणों की जानकारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख और चरणों की जानकारी

🗳️ बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तारीख, प्रक्रिया, और राजनीति का पूरा गणित

🔹 प्रस्तावना

बिहार, भारत का एक प्रमुख राजनीतिक राज्य, एक बार फिर चुनावी माहौल में डूबने को तैयार है। 2025 का विधानसभा चुनाव न सिर्फ राज्य की सत्ता का फैसला करेगा बल्कि राष्ट्रीय राजनीति की दिशा भी तय करेगा। देशभर के राजनीतिक विश्लेषक और जनता की निगाहें इस चुनाव पर टिकी हैं। हर पार्टी अपनी रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है, वहीं जनता भी अपने मुद्दों को लेकर सजग दिखाई दे रही है।

🔹 बिहार चुनाव 2025 की तारीखें घोषित

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा कर दी है।

1. पहला चरण मतदान: 6 नवंबर 2025

2. दूसरा चरण मतदान: 11 नवंबर 2025

3. मतगणना की तारीख: 14 नवंबर 2025

पहले चरण में लगभग 121 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इस तरह बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। 


🔹 नामांकन और प्रक्रिया की पूरी जानकारी

निर्वाचन आयोग के अनुसार, पहले चरण के लिए अधिसूचना 10 अक्टूबर को जारी की जाएगी और नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर तय की गई है। वहीं, दूसरे चरण के लिए अधिसूचना 13 अक्टूबर और नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर रखी गई है।

नाम वापस लेने की अंतिम तिथियाँ क्रमशः 20 और 23 अक्टूबर हैं। उसके बाद चुनाव प्रचार का दौर तेज़ी से शुरू होगा।


🔹 मतदाता सूची और SIR अभियान

इस बार चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने “Special Intensive Revision (SIR)” अभियान चलाया, जिसमें मतदाता सूची की पूरी समीक्षा की गई।

1. लगभग 65 लाख नाम हटाए गए, जिनमें मृतक या डुप्लीकेट नाम शामिल थे।

2. वहीं करीब 21 लाख नए मतदाताओं को जोड़ा गया है।

अब बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें बड़ी संख्या में युवा वोटर्स शामिल हैं।

यह संशोधित सूची इस बार के चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि नए मतदाता अधिकतर 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग के हैं।


🔹 मुख्य राजनीतिक दल और गठबंधन

बिहार की राजनीति हमेशा से गठबंधनों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। इस बार भी मुकाबला मुख्य रूप से दो बड़े गठबंधनों के बीच रहने वाला है:

1. एनडीए (NDA) – भारतीय जनता पार्टी (BJP), जदयू (JDU), और सहयोगी दल।

2. महागठबंधन / INDIA ब्लॉक – राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस (INC), और वाम दल।

इसके अलावा, इस बार एक तीसरा चेहरा भी मजबूत हो रहा है – प्रशांत किशोर (PK) की पार्टी जन सुराज, जो राज्य के कई जिलों में लोकप्रियता हासिल कर रही है।

जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में मजबूत पकड़ बनाई है और यह चुनाव में “किंगमेकर” की भूमिका निभा सकता है।


🔹 प्रमुख मुद्दे जिन पर लड़ा जाएगा चुनाव

बिहार में इस बार के चुनाव कई अहम मुद्दों पर केंद्रित रहेंगे:

1. रोज़गार और बेरोज़गारी:

युवा मतदाताओं के बीच सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार का है। सरकारी नौकरियों की कमी और निजी क्षेत्र में सीमित अवसरों के कारण बेरोजगारी चुनावी मुद्दा नंबर एक बन चुकी है।

2. शिक्षा और पलायन:

बिहार से बाहर काम करने जाने वाले युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। शिक्षा की गुणवत्ता और रोजगार की उपलब्धता पर जनता सवाल उठा रही है।

3. कानून व्यवस्था:

अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे भी गर्म रहेंगे। विपक्ष सरकार को इस मोर्चे पर घेरने की कोशिश करेगा।

4. महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण:

महिलाओं की भागीदारी और सुरक्षा को लेकर राजनीतिक दल बड़े वादे कर रहे हैं।

5. विकास और बुनियादी ढांचा:

सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, और सिंचाई जैसे मुद्दे फिर से चर्चा में हैं।

🔹 राजनीतिक समीकरण और रणनीतियाँ

एनडीए की तरफ से नीतीश कुमार अब भी एक प्रमुख चेहरा हैं, हालांकि विपक्ष उन्हें “थके हुए नेता” के रूप में पेश करने की कोशिश करेगा। भाजपा का संगठनात्मक ढांचा मजबूत है, और पार्टी राज्य में युवाओं को साधने पर जोर दे रही है।

वहीं तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी महागठबंधन में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभर रही है। 2020 के चुनाव में आरजेडी को सर्वाधिक सीटें मिली थीं, और इस बार वे अपने वोट बैंक को और विस्तार देने की कोशिश करेंगे।

कांग्रेस, वाम दल, और अन्य छोटे सहयोगी भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

🔹 सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार

इस बार चुनाव में सोशल मीडिया का प्रभाव काफी बढ़ गया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, और यूट्यूब पर राजनीतिक दलों के प्रचार अभियान जोर-शोर से चल रहे हैं।

भाजपा और आरजेडी दोनों डिजिटल रैली और ऑनलाइन मीटिंग्स का सहारा ले रही हैं।

युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए शॉर्ट वीडियो कंटेंट और सोशल मीडिया विज्ञापन का भी इस्तेमाल हो रहा है।

🔹 चुनाव आयोग की तैयारियाँ

चुनाव आयोग ने सुरक्षा और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की है।

1. हर मतदान केंद्र पर सीसीटीवी और वेबकास्टिंग की सुविधा होगी।

2. विशेष रूप से नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी।

3. दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए “होम वोटिंग” की सुविधा दी जाएगी।

🔹 जनता की भूमिका

लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी ताकत होती है। इस चुनाव में बिहार के लोग तय करेंगे कि उन्हें कौन सी सरकार चाहिए — विकास पर ध्यान देने वाली या जातीय समीकरण पर टिकी हुई।

इस बार युवाओं और पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या बड़ी है, जो नतीजों को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

🔹 निष्कर्ष

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सिर्फ सत्ता का नहीं बल्कि विचारधारा का भी चुनाव है।

राज्य के लोग अब रोजगार, विकास और पारदर्शी शासन की उम्मीद रखते हैं। राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव उनकी नीतियों और वादों की परीक्षा साबित होगा।

देखना दिलचस्प होगा कि क्या बिहार में एक नई दिशा की शुरुआत होती है या फिर पुराने समीकरण ही दोहराए जाते हैं।

लेखक की राय:

बिहार की जनता अब बहुत जागरूक हो चुकी है। वह सिर्फ भाषणों और वादों से नहीं, बल्कि काम के आधार पर वोट देने की सोच रखती है। 2025 का यह चुनाव न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की राजनीति को नया आकार दे सकता है।

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